Published: 26 July 2022
ISBN: 978-93-93209-53-5
Publisher: The Little Booktique Hub
No, of pages: 67
Price: 249 INR
Category: Poetry Collection
Binding: Paperback
हमें अक्सर लगता है कि हमें सब पता है ,
पर हम इस बात से अनजान है कि हमें कुछ भी "पता नहीं"
पता नहीं एक ऐसा कथन है जो सब के ज़बान पर एक न एक बार आता होगा
कभी थक कर कह दे , कभी चीड़ कर , कभी छिपाने के लिए कह दे , कभी सब बताने के लिए कह दे
कभी सब पता हो फिर भी कह दे "पता नहीं"
वास्तव में हमें कुछ भी पता नहीं !
ज़िन्दगी एक सवाल ही तो हैं
जिसका जवाब किसीको पता नही
Bio:
अपने बारें में अब क्या कहुँ?
मैं कौन हूँ, मुझे पता नहीं !
आप पढ़ कर बताइयेशायद पढ़ कर मैं कौन हूँ समझ आ सके
आपको मैं समझ आऊंगी या नहीं?
पता नहीं!
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